Toner in skincare Routine (SOCIAL MEDIA)
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टोनर की आवश्यकता: आजकल की स्किनकेयर रूटीन एक जटिल प्रक्रिया बन गई है। इसमें क्लेंजर, सीरम, मॉइश्चराइजर, एसपीएफ और अन्य उत्पाद शामिल होते हैं। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में एक चीज जो अक्सर सवाल उठाती है, वह है टोनर। क्या यह वास्तव में आवश्यक है? और इसका कार्य क्या है? आइए इस पर चर्चा करते हैं।
टोनर की पहचान टोनर क्या है?
टोनर एक हल्का, पानी जैसा उत्पाद है, जिसे क्लेंजर के बाद और सीरम या मॉइश्चराइजर से पहले लगाया जाता है। पहले के समय में, इसका उपयोग स्किन की गंदगी या मेकअप हटाने और pH बैलेंस बनाए रखने के लिए किया जाता था। आजकल के टोनर्स में हायल्यूरोनिक एसिड, ग्लाइकोलिक एसिड, रोज वॉटर और एलोवेरा जैसे तत्व शामिल होते हैं, जो इसे और भी प्रभावी बनाते हैं। कुछ टोनर फेस मिस्ट या एसेंस के रूप में भी कार्य करते हैं।
टोनर के लाभ टोनर के फायदे क्या हैं?
टोनर के विभिन्न फॉर्मूले के अनुसार इसके कई लाभ हो सकते हैं:
- ड्राई स्किन को हाइड्रेट करता है।
- डल स्किन को एक्सफोलिएट करता है।
- पोर्स को छोटा दिखाता है।
- सेंसिटिव या पिंपल वाली स्किन को शांत करता है।
- स्किन को सीरम और मॉइश्चराइजर के लिए तैयार करता है।
क्या टोनर सभी के लिए आवश्यक है?
क्या टोनर हर किसी के लिए जरूरी है?
यदि आप पहले से ही एक जेंटल क्लेंजर और अच्छे सीरम का उपयोग कर रहे हैं, तो आप टोनर को छोड़ सकते हैं। लेकिन यदि आपकी स्किन में पिंपल्स, डार्क स्पॉट्स या ड्रायनेस की समस्या है, तो एक सही टोनर आपकी स्किन के लिए फायदेमंद हो सकता है।
स्किन टाइप के अनुसार टोनर का चयन अपनी स्किन टाइप के अनुसार टोनर कैसे चुनें?
- ऑयली या एक्ने वाली स्किन: सैलिसिलिक एसिड, टी ट्री या नायसिनमाइड वाले टोनर
- ड्राय स्किन: हायल्यूरोनिक एसिड, एलोवेरा, ग्लिसरीन या रोज वॉटर वाले टोनर
- सेंसिटिव स्किन: बिना खुशबू वाले टोनर, जिनमें ग्रीन टी या कैमोमाइल हो
- डल स्किन: ग्लाइकोलिक या लैक्टिक एसिड वाले टोनर जो स्किन को ब्राइट करें
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